सिखाना केवल काम है,
परमेश्वर अब आराम है
सब कुछ जानते है वो,
पर करने को नाकाम है,
दर्द का एहसास है उनको,
हँसी का ना कोई नाम है,
दुनिया बदलने की है आशा,
संग चलना परंतु हराम है,
पूछे जो उनसे हम रास्ता,
कहते है हम तो 'आम' है,
अमीर ही करेंगे सब 'साथी'
कुछ ऐसा तकिया कलाम है || Dr. DV ||
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