कुछ पैसे के इतने गुलाम है,
उनके लिए जीना भी जाम है,
सिहर जाते है, खाली जेब से,
कहना है उनका, हम आम है,
भाईचारे की नसीहतें बस दे,
पैसे से बड़ा ना अब राम है,
बातें आज़ादी की करते है वो,
बिन पैसा ना उनको आराम है,
दुनिया बदलने की बातें, जिनके,
जेबों में नोट, होंटो में दाम है || Dr. DV ||
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