साँस लेने मे नहीं,
कुछ पल जीने में ज़िंदगी है,
छूकर तेरी परछाई को,
तुझे महसूस करने में ज़िंदगी है,
वक़्त गुज़र जाता है,
तुझे पाने में ज़िंदगी है,
बिने तेरे जो भी रहे,
उसकी मयखाने में ज़िंदगी है,
समय के परे ले जाते है,
ऐसे विचारों में ज़िंदगी है,
बिन बोले जो गले लगाते है,
ऐसे एहसासों में ज़िंदगी है,
खो जाते है अक्सर ये जान,
तेरी ही बस्ती में ज़िंदगी है,
वैसे तो हज़ारो मिलते है, पर,
दोस्तों की दोस्ती में ज़िंदगी है |
No comments:
Post a Comment