कुछ दोस्त दोस्ती के काबिल नही होते,
पास होकर,ज़िंदगी मे शामिल नही होते,
इश्क़ को ना पहचान पाए कोई इंसान,
एहसास किसी के इतने जाहिल नही होते,
दूजो से रखते है, खुदा होने की आशा,
अंधी दुनिया में सभी कामिल नही होते
कुछ ऐसी सोच मे पनपे है पौधे आज,
जो सबूत छुप जाए, कातिल नही होते,
खुद को बदलने की होड़ मे कोई नही,
बारूद जमाने से हल, हासिल नही होते,
सपने तो आँखे हज़ारों देखती है 'साथी',
सभी लहरो के परंतु, साहिल नही होते ||
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