Saturday, November 12, 2016

सपना सलोना


ना ठीक करना है,
ना ठीक करने वाले का साथ देना है,
हम तो पढ़े लिखे लोग है भाई,
हमको बस शब्दो का वार करना है,

काले धन से 15 लाख दे दो,
हमको लाइन मे ना खड़ा होना है,
ग़रीबी और अमीरी मे कसने है ताने,
एसी का स्विच ना ऑफ होना है,

नेताओ कुछ तो करो देश का,
हमको तो बस दुखड़ा रोना है,
हम में कोई हिम्मत ना बची है,
ना ही कोई पाप धोना है,

एक भी सुझाव ना कर सकते लागू,
समझाने में सबसे आगे होना है
खुद की ज़िंदगी से है परेशान,
पर आलीशान कमरों में सोना है,

किसानो की याद आती है हमको,
जब राजनीति का युध होना है,
अन्यथा रोते बिलकते रहे बच्चे,
हमको ना दिल को भिगोना है,

कमाल के इंसान बने जा रहे है हम,
सवाल अपने, जवाबो का ना कुछ होना है,
सबके पास ताक़त है पूछने की,
'करने का समय' पर सपना सलोना है|

No comments:

Post a Comment