वो आज की बातें करते थे,
वो लाज की बातें करते थे,
बस दर्द भरा अब सीने में,
जो ताज की बातें करते थे,
हैरान है देखो सब वो लोग,
जो गाज की बातें करते थे,
मैं हंसता था तब भी उनपर,
जो समाज की बातें करते थे
सो ना पायें कब से 'साथी'
जो राज़ की बातें करते थे || Dr. DV ||
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