इश्क़ की धुन्ध जो, छट गयी,
आस से बँधी पतंग, कट गयी ||
बिन देखे उसको, दिन नही गुज़रता,
इश्क़ ऐसा उसका, दिल नही भरता ||
बारिश की बूँदो सी, वो चंचल है,
सुकून से भीगा उसका आँचल है ||
मेरे कदमो की आहट से, वो जाग गयी,
मैं सामने जो आया, शरमाई, भाग गयी ||
बस एक मुस्कुराहट से उसने इकरार किया,
मुझसे नही, मेरे एहसासो से प्यार किया ||
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