वो बहता था
कुछ पानी सा,
बचपन मे भी
यू जवानी सा,
कहते थे वो
तो पाप है,
फिर भी रहता
था वो रवानी
सा,
हर गम मे
मेरे साथ था,
खुशियों
मे मेरा हाथ
था,
ना कोई उसको
समझ सका,
निर्मलता
की सौगात था,
हिम्मत कुछ दे
जाता था वो,
हर मंज़िल पा जाता
था वो,
हैरा था उसको
पा कर मैं,
दिल हल्का कर जाता
था वो,
तन्हा ना कभी
वो रखता था,
रहता था संग
मेरे हरसू
एक भोला सा
साथी था वो,
वो था नन्हा
सा एक आँसू
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