गुलांब को चूमते चूमते,
सवेरा हो गया,
जो मौज़ूद था वहाँ,
सब तेरा हो गया,
जो मौज़ूद था वहाँ,
सब तेरा हो गया,
काली घटाओ में डूबा,
असमंजस से पार हुआ,
चाँद की चाँदनी से,
रोशन संसार हुआ,
असमंजस से पार हुआ,
चाँद की चाँदनी से,
रोशन संसार हुआ,
मदहोश सांसो की चुभन,
जगा जाती थी,
आग भीगे जिस्म मे,
लगा जाती थी,
जगा जाती थी,
आग भीगे जिस्म मे,
लगा जाती थी,
बाहों से लगाया मैने,
अपने संसार को,
खुदा भी रोक ना पाया,
खिलती बहार को,
अपने संसार को,
खुदा भी रोक ना पाया,
खिलती बहार को,
मुस्कुराहटे जी थी मैने,
जब दीदार हुआ,
हैरान था उस रात,
जब इकरार हुआ |
जब दीदार हुआ,
हैरान था उस रात,
जब इकरार हुआ |
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