संसार में जो संसार होते है,
शिक्षक वो शिल्पकार होते है,
जलते है धूप में वो अक्सर,
दिमाग़ से तेज़ धार होते है,
अत्यंत विषैले तूफान में भी,
आज़ादी का विचार होते है,
मिल नही पाते जो इनसे,
वो बदनसीब तार-तार होते है,
इज़्ज़त नही करते जो इनकी,
ज़िंदगी मे वो बेकार होते है,
कोयला बन जाता है हीरा,
कुछ ऐसे इनके प्रहार होते है,
डूबती नैय्या को बचाने वाले,
यही तो वो मल्हार होते है,
मज़िल पाने का जुनून अनंत,
राह मे चाहे ये दो-चार होते है,
गम को खुशियो मे बदले 'साथी',
शिक्षक ही वो चमत्कार होते है ||
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