पौधे को पानी दे ना सके,
अपनी वो जवानी दे ना सके,
गाते है गीत जुदाई के,
खुद को मनमानी दे ना सके,
मन की बातें, बस करते है,
उसको वो रवानी दे ना सके,
जब भी देखे एक कली खिली,
सोचे, ज़िंदगानी दे ना सके,
लिखने को आतुर थी पगली,
वो एक कहानी, दे ना सके,
तन्हा अक्सर रोते 'साथी',
वो एक कुर्बानी दे ना सके ||
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