Monday, May 11, 2015

संचार


जब जब शक्ल देख कर प्यार होगा,
नासमझी का मौसम बेशुमार होगा,

अदभुद समन्व्य माँगते है रिश्ते,
हुस्न से ना जीवन का करार होगा,

जो डूब जाता है तेरी आँखो में , 
वो बिन कहे एक दिन फरार होगा, 

जान जाएगा तू सच्चाई उस दिन,
बेवजह बदला उसका व्यवहार होगा,

खोल दोगे जो दिल में छुपे सब राज़,
सही मायनो में तभी इकरार होगा, 
 
लाख मॅन को समझाओ तुम यहाँ,
अन्धेपन का नतीजा, तकरार होगा,

ना रात रोशन होगी, ना होगी धूप, 
ना वो तेरी चाहत के अनुसार होगा,  

भगवान कहाँ होते है धरती मे आज,
यही प्रत्येक दिल का समाचार होगा

रूह से प्रेम करना जब सीखेगा 'साकी',
पावन प्रेम का उस दिन संचार होगा |

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