मुझे गर्त मे डाल,
वो हवा हो गये,
खून के मेरे आँसू,
वो दवा हो गये,
खबर जब सावन की
आई मुझको,
आँखो को बंद किया,
जवां हो गये,
इश्क़ का खेल भी
बहुत है निराला,
बस याद से लगे,
हम धुआँ हो गये,
वो प्याला बन के
सामने आए हमारे,
प्यास को जगाया,
हम कुआँ हो गये,
अदायें उसकी हम
क्या बताए 'साथी',
उसने गले लगाया,
हम दुआ हो गये || DV ||
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