चाँद को भी गुनेहगार ठहराया उसने,
खून से लथपथ पताका फहराया उसने,
विश्वास करता था भगवान से ज़्यादा,
धोखेबाज़ भी हमको बनाया उसने,
ऐसा जादूगर बन बैठा था वो रावण,
सच बोलकर हमको भरमाया उसने
ज़िंदगी का तोहफा दे रहा हो जैसे,
मरने का यूँ सलीका समझाया उसने
इतना प्यार कर बैठा था वो 'साकी'
मारने के बाद भी गले लगाया उसने ||
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