Saturday, June 30, 2012

एहसास - २


कदमो की आहट का आना,
तेरे आने की चाहत जगाये,
तेज़ हवाओं का स्पर्श,
तेरे साँसों की चुभन बताएं.

नीले नीलम सा धुला आसमा,
तेरे चेहरे की नजाकत दिखाए,
चांदनी का वो छूना,
तेरी नजरो का एहसास दिलाये.

हर पल का वो बेइंतिहा इंतज़ार,
हर गम से परे है,
इन्तेहाँ के बाद मिलन की घडी,
करती दिल के बाग़ हरे है.

आसमा से छुपाता तेरा रूप,
जैसे दिल में घबराहट भरी हो,
आखिर जन्नत भी है निराश,
तुम ही तो उसकी प्रिय परी हो.

हर पल तेरे साँसों की चुभन है,
मेरा नीरस जींवन सवारती,
इन डूबे हुए एहसासों की नाव को,
अपने अचल प्रेम से उबारती.

तेरे बाहों के दर्मिया,
सपनो का एक महल बनाया है,
जहां तेरे प्यार की धूप,
और तेरे आँचल की छाया है.

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