खुद को खुद से, जीना सिखा दूँ ,
कबसे लगी यह, प्यास बुझा दूँ,
अब नहीं होता, तिल तिल मरना,
साँसों में अब, आस जगा दूँ,
सोचा तूने, जियेगा कैसे,
खून के आंसूं, पियेगा कैसे,
बदला है वक़्त, तू ना जाने,
दिल समझा है, सियेगा कैसे,
छोड़ दिए है, सागर मैंने,
पर्वत के सब, गागर मैंने,
रंगो का संग, रंग सा ही है,
कोरे देखे, झालर मैंने,
खुद से खुद पर, संशय पाला,
जब से मैंने, होश संभाला,
नव जीवन अब, उदय हुआ है,
ढाल मैं हूँ और, मैं ही भाला,
तोड़ दिए है, व्यूह अब सारे,
खुद ही अपनी, नाव संभाले,
तन्हाई को, संग मे बदला,
अपनी किस्मत, खुद ही संवारें ||