यह कैसे कर्कश बोल है,
जिनका ना कोई तोल है,
ऐसा जीवन जीते है हम,
जहा सच का ना कोई मोल है,
यहाँ अंजाने इंसानो में,
सब लगते जैसे खोल है,
सीखे ना अच्छी आदत हम,
हर शिक्षा अब यहाँ गोल है,
जो करदे सबको खुश 'ए-दोस्त',
बनता ऐसा ना घोल है ||Dr. Diwakar Pokhriyal has a passion for Writing. He has written 19 books that include poetry, short story collections, and Novel. He has been a part of more than 100 poetry anthologies with poets around the world. He has been awarded as 'Voice of Indian Literature', 'Author of the Year 2019', 'India Star Icon Award 2019', 'Top 50 Influential Author 2K18', 'Limca Book of Records – 2017',
यह कैसे कर्कश बोल है,
जिनका ना कोई तोल है,
ऐसा जीवन जीते है हम,
जहा सच का ना कोई मोल है,
यहाँ अंजाने इंसानो में,
सब लगते जैसे खोल है,
सीखे ना अच्छी आदत हम,
हर शिक्षा अब यहाँ गोल है,
जो करदे सबको खुश 'ए-दोस्त',
बनता ऐसा ना घोल है ||
No words can
craft,
The emotions I feel,
Before
your aura,
When
I kneel,
I
have surrendered,
My
soul to you,
This
containment,
Feels
like dew,
Is
it your magic,
Or
just my emotions,
A
season of spring,
Or
tiredness of demotions,
You’re
just a human,
Or
an inseparable part,
Why
should it matter,
I
shall admire the art,
No
words can craft,
The
bond we share,
In
this hazy universe,
You’re my
ozone layer
उड़ते परिंदो के परों को, छूने की चाहत है,
मधुर संगीत के स्वरों को, छूने की चाहत है,
गम-ए-इश्क में डूबे, पल पल तड़प्ते है,
उन रसीले मयखानों को, छूने की चाहत है,
रंगीनियों में रंगीन, मुस्कुराहटे बटोरते है,
खुशियों की चादरों को, छूने की चाहत है,
बराबर ही होगी, खुदा के दर मे हर ज़िंदगी,
ऐसी ही कुछ चौखटों को, छूने की चाहत है,
नज़दीकियो से हम हारे, रूह है बेजान सी ,
कुछ टूटें हुए दिलों को, छूने की चाहत है,
ख्वाबो से मज़िलो तक, कौन निभायें साथ,
ऐसी कुछ परछाईयों को, छूने की चाहत है || Dr, DV ||